Hindi story

**"बांस और बल की सीख"** एक गाँव के पास घने जंगल में एक साधु रहते थे, जिन्हें लोग "गुरुजी" कहकर पुकारते थे। उनके पास एक युवा लड़का, वीर, ज्ञान की तलाश में पहुँचा। वीर हमेशा से ताकतवर बनने का सपना देखता था, पर उसमें धैर्य की कमी थी। एक दिन उसने गुरुजी से पूछा, "गुरुजी, मैं दुनिया का सबसे मजबूत इंसान कैसे बन सकता हूँ?" गुरुजी मुस्कुराए और उसे जंगल में ले गए। रास्ते में उन्होंने दो पेड़ दिखाए—एक विशाल बलूत का पेड़ (Oak) और दूसरा लचीला बांस। गुरुजी ने कहा, "इन दोनों में से कौन ताकतवर है?" वीर ने बलूत के पेड़ की ओर इशारा किया। गुरुजी बोले, "समय आने पर पता चलेगा।" कुछ दिन बाद, जंगल में भयंकर तूफ़ान आया। वीर ने देखा कि बलूत का पेड़ अपनी कठोरता के कारण तूफ़ान से लड़ता रहा, पर अंततः जड़ से उखड़ गया। वहीं बांस, हवा के साथ झुकता गया और तूफ़ान खत्म होने पर फिर से खड़ा हो गया। गुरुजी ने समझाया, **"सच्ची ताकत कठोरता में नहीं, लचीलेपन में होती है। जो स्वयं को परिस्थितियों के अनुसार ढाल लेता है, वही जीवन के तूफ़ानों में टिक पाता है।"** वीर ने पूछा, "पर गुरुजी, लचीलापन कमजोरी नहीं है?" गुरुजी ने उसके सिर पर हाथ रखते हुए कहा, **"नहीं बेटा। अहंकार और जिद्द के कारण बलूत टूट गया, जबकि बांस ने विनम्रता से झुककर अपनी शक्ति बचाई। असली बल वह है जो अंदर से स्थिर हो, बाहर से नम्र।"** वीर को समझ आ गया—जीवन में सफलता के लिए दृढ़ता के साथ-साथ लचीलापन और विनम्रता भी ज़रूरी है। उस दिन के बाद उसने न केवल शारीरिक बल, बल्कि मानसिक संयम और बुद्धिमत्ता को भी साधना शुरू कर दिया। **सीख**: 1. **अहंकार और जिद्द हमें कमजोर बनाते हैं**। 2. **लचीलापन और विनम्रता सच्ची शक्ति के प्रतीक हैं**। 3. **जीवन के संघर्षों में झुकना हार नहीं, बल्कि समझदारी है**। क्या आपको यह कहानी पसंद आई? कोई और विषय चाहिए तो बताइए! 🌿

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